उत्तराखंड में अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इस कार्रवाई से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुश नहीं है। प्रदेश में वन क्षेत्रों में अतिक्रमण के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संतुष्ट नहीं हैं, वन विभाग के अधिकारियों को इसमें तेजी लानी होगी। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक अनूप मलिक ने अधीनस्थों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। वन प्रभागवार प्रत्येक दिन अतिक्रमण पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी।
देहरादून स्थित वन मुख्यालय के सभागार में प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने मंगलवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंने अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की प्रगति पर नाराजगी जताई और वन विभाग के पश्चिमी वृत्त के पांच प्रभागीय वन अधिकारियों को तलब किया। उन्होंने कहा कि वन विभाग की कार्रवाई बेहद सुस्त गति से चल रही है, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी असंतोष जताया है।
नदी श्रेणी की वन भूमि पर अवैध कब्जे और खनन नदियों के किनारे अवैध रूप से बसे लोगों को चिह्नित कर हटाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कोर्ट में चल रहे प्रकरणों का नियमित रूप से अनुश्रवण कर निस्तारण कराने के निर्देश दिए। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत अगली समीक्षा बैठक राजाजी पार्क और शिवालिक वृत्त के अधिकारियों के साथ की जाएगी।
अभियान के तहत अब तक 2508 एकड़ वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों को लगभग पूरी तरह हटा दिया गया है। वन विभाग की ओर से नदियों के किनारे अभियान जारी है। साथ ही राजमार्गों के आसपास की वन भूमि से भी कब्जे हजाए जा रहे हैं।