कपकोट गांव में गर्भवती को स्ट्रेचर पर लेकर जाते हुए अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भस्थ शिशु की मौत

कपकोट के सोराग गांव के लिए सड़क तो बनी, लेकिन वाहन संचालन लायक नहीं है। गांव के इस खराब हालात के चलते एक गर्भवती की जान पर बन आई। क्षेत्र के लोगों ने गर्भवती युवती को करीब 11 किमी पैदल दूर तक स्ट्रेचर पर रखकर लाए और अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक गर्भस्थ शिशु की मौत हो चुकी थी।


सोराग निवासी युवती को बृहस्पतिवार से प्रसव पीड़ा हो रही थी। तबीयत बिगड़ने पर युवती को गांव के लोगों ने शुक्रवार को स्ट्रेचर से 11 किमी दूर उंगियां पहुंचाया। जिसके बाद वाहन के जरिये युवती को कपकोट सीएचसी लाया गया । कपकोट सीएचसी से गर्भवती को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया । तब तक गर्भस्थ शिशु की पेट में ही मौत हो गई थी। गनीमत रही कि अस्पताल पहुंचने से प्रसूता की जान बच गई।

ग्रामीण केशर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने वाहनों की आवाजाही के लिए पिंडर नदी में अस्थायी लकड़ी का पुल बनाया था। नदी में वह बह गया। जिस पर वाहनों का चलना बंद हो गया है। जिस कारण प्रसूता को 11 किमी पैदल चलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ा।

वहां रह रहे लोगो का कहना है की गांव के लोगों को आए दिन इस तरह की कई समस्या का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है की सड़क पर करोड़ों खर्च होने के बाद भी यातायात सुविधा का लाभ न मिलना गंभीर मामला तो है ही, साथ ही साथ जनता के साथ अन्याय भी है।