मानव तस्करी निरोधक दस्ता (एएचटीयू) की टीम ने मानव तस्करी का पर्दाफाश करते हुए प्रयागराज की दो सगी नाबालिग बहनों को एक गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया है। दोनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की तैयारी की जा रही थी। पुलिस ने गिरोह के लीडर सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि लीडर की पत्नी फरार होने में सफल रही।
दोनों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने की तैयारी थी। जिस पर एएचटीयू प्रभारी राकेंद्र कठैत, एसआई जयवीर सिंह रावत, हेड कांस्टेबल राकेश कुमार, आरक्षी बलवंत, विमल, महिला आरक्षी दीपा कल्याणी, रेशमा सुल्ताना, आरती, कांस्टेबल चालक दीपक चंद ने मौके पर छापा मारा।
जहां से 17 व 14 वर्षीय किशोरियों को बरामद करते हुए आरोपी आलोक को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में पता चला कि प्रयागराज से दो सगी बहनें भागकर दिल्ली आई थीं। आरोपी आलोक नौकरी का झांसा देकर उन्हें हरिद्वार ले आया। यहां टिबड़ी में अपने किराये के मकान में उन्हें रख लिया। आरोपी ने जिस्मफरोशी की एवज में रोजाना 10 हजार मिलने की बात दोनों को कही। आरोपी की पत्नी उन्हें देह व्यापार में धकेलने के लिए कुछ लोगों से बात करने गई थी।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आरोपी आलोक को साथ लेकर टीम ने छापेमारी करते हुए कार से सौदा करने आ रही महिला सहित पांच आरोपियों को पकड़ लिया। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है। वर्ष 2006 से हरिद्वार में रहा आरोपी गैंग लीडर आलोक लड़कियां और महिलाएं सप्लाई करने का काम करता था। आरोपी पूजा आगे पैसे लेकर शादी करवाती थी।