बद्रीनाथ धाम के कपाट के साथ साथ आदिकेदारेश्वर के कपाट भी खुले

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले आदिकेदारेशवर मंदिर के कपाट खुलते है। परंपरा के अनुसार सुबह पांच बजे से बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई, जिसके तहत 5 बजकर 20 मिनट पर पर वैदिक मंत्र उच्चारण शुरू हुए। इसके साथ ही जब रावल ने बदरीनाथ मंदिर के द्वार दरवाजे पर लगी सील को खोला, उसी समय राज दरबार के प्रतिनिधि कांता प्रसाद नौटियाल ने मंदिर के मुख्य द्वार का दरवाजा खोला और सर्वप्रथम बदरीनाथ के रावल और बतला बड़वा ने मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश किया।
वहीं, भू-बैकुंठ धाम में अन्य तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही तप्तकुंड, नारद कुंड, शेषनेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मंदिर ब्रह्म कपाल, माता मूर्ति मंदिर व देश के प्रथम गांव माणा, भीमपुल, वसुधारा जलप्रपात एवं अन्य ऐतिहासिक व दार्शनिक स्थलों पर भी श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं।