शुक्रवार देर रात आए भूकंप के झटकों ने प्रदेश के लोगों को फिर से अलर्ट कर दिया है। वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप का केंद्र राज्य से दूर था। जिस वजह से किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन राज्य के लिए भविष्य में खतरा कम नहीं हुआ है। हालांकि, उत्तराखंड में ऑफ्टर शॉक की संभावना कायम है।
वाडिया इंस्टीट्यूट हिमालयन ज्योलॉजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि राज्य में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, कुमाऊं में कपकोट, धारचूला, मुनस्यारी भूकंप की दृष्टि से सर्वाधिक संवेदनशील है। यहां पर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। उत्तरकाशी जिला भूकंप की दृष्टि से सबसे ज्यादा संवेदनशील है।यह जनपद जोन 5 में है।