हेमकुंड साहिब के कपाट बुधवार को विधि-विधान द्वारा शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। दोपहर साढ़े 12 बजे अंतिम अरदास के बाद गुरुद्वारे से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब को पंज प्यारों की अगुवाई में सुखासन में स्थापित किया गया। इसके बाद बैंड धुनों और जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ दोपहर डेढ़ बजे कपाट बंद हुए। इस दौरान करीब 2500 तीर्थयात्री मौजूद रहे।
मंगलवार को देर शाम तक हेमकुंड साहिब में बर्फबारी हुई, लेकिन बुधवार को सुबह से ही यहां चटख धूप खिली रही। घांघरिया से सुबह करीब छह बजे से ही संगतों का हेमकुंड साहिब पहुंचना शुरू हो गया था। ज्ञानी कुलवंत सिंह की अगुवाई में सुबह ठीक 10 बजे सुखमणि साहिब का पाठ शुरू हुआ। दोपहर में 12:10 बजे मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह द्वारा अरदास की गई।