हरिद्वार संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने चुनावी चौसर पर अपनी चाल चल दी है। अब कांग्रेस के एलान का इंतजार है।
बहरहाल, हरिद्वार से उम्मीदवारी मिलना त्रिवेंद्र के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र जी को एक राजनीतिक अवसर का इंतजार था। कुछ अवसरों पर संगठन में उन्हें अहम जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाएं गरमाती रहीं। लेकिन हर बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थकों को मायूस होना पड़ा। हालांकि त्रिवेंद्र अपनी राजनीतिक सक्रियता बनाए रहे।
उन्होंने धैर्यपूर्वक अवसर का इंतजार किया। पूरे राज्य का दो बार दौरा किया। हरिद्वार चुनाव क्षेत्र में भी उनकी राजनीतिक सक्रियता रही है। हरिद्वार लोस सीट में शामिल डोईवाला में त्रिवेंद्र का तगड़ा प्रभाव और समर्थकों की एक बड़ी फौज है। भाजपा शासित धर्मपुर और ऋषिकेश सीट में भी त्रिवेंद्र का बड़ा प्रभाव माना जाता है। मुख्यमंत्री की भूमिका में त्रिवेंद्र की हरिद्वार जिले में भी काफी सक्रियता रही। हरिद्वार के राजनीतिक समीकरणों से त्रिवेंद्र भलीभांति वाकिफ हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत पीएम मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करते हुए कहा की मां गंगा के द्वार हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता रहा है। इसी लोस के डोईवाला विस की जनता ने मुझे विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। उनका प्यार सदा मेरे साथ रहा। मैंने भी उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दिया। पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से वर्षों तक एक जनसेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन किया ताकि कभी भी मेरे कारण उन्हें सिर झुकाना पड़े।