अचानक पत्थर बरसने लगे और महिला पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं।पत्थरों की बारिश से किसी तरह महिला पुलिसकर्मी बचती रहीं लेकिन जब फोर्स तितर-बितर हुई तो स्थानीयों ने चार महिला पुलिसकर्मियों को घर में पनाह दी। इससे महिला पुलिसकर्मियों की जान बच सकी। रात में पुलिस फोर्स पहुंचने पर महिला पुलिसकर्मियों के कपड़े बदलवाकर घर से भेजा।
बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ गई पुलिसफोर्स में महिला जवान भी थीं। विरोध कर रही महिलाओं को रोकने के लिए महिला पुलिसजवान भी मोर्चे पर डटी हुई थी। तभी उपद्रवियों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें कई महिला पुलिसकर्मी भी घायल हो गईं। वहीं पांच महिला पुलिसकर्मी सहित करीब 30 पुलिसकर्मी गलियों में फंस गईं।
महिला पुलिसकर्मियों को किसी तरह इलाके की महिलाओं ने अपने घरों में छिपाया। इस दौरान पथराव और उपद्रव करने वाले लोग क्षेत्र में फंसे पुलिसकर्मियों को ढूंढते रहे। इस बीच महिला पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए एक परिवार की महिलाओं ने उनका हुलिया बदलवा दिया। दरअसल परिवार ने पथराव में फंसी एक महिला और एक पुरुष पुलिसकर्मी को परिवार ने अपने घर में शरण दी थी। इसकी जानकारी मिलते ही उपद्रवी उस घर के पास पहुंच गए और उन्होंने घर पर पथराव कर दिया। इसके बाद उन्होंने घर में आग लगा दी।
इस कारण पुलिसकर्मी और घर में मौजूद छह सदस्य अंदर ही फंस गए। इसकी जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस टीम ने घर के अंदर फंसे लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला। वहीं, स्थानीय लोगों ने कुछ निगम कर्मियों को भी अपने घरों में सुरक्षित रख लिया। आश्वस्त किया कि वे उनके साथ हैं।