प्रदेश में बदलते मौसम के साथ बढ़ रहे सर्दी, जुखाम, बुखार, एलर्जी जैसे कई मामले

आजकल तापमान में काफी उतार-चढ़ाव आ रहा है। कभी दिन में तेज धूप निकल रही है, तो रात होते ही तापमान काफी नीचे चला जा रहा है। मैदानी क्षेत्रों में सुबह कोहरा छाने से तापमान में भारी गिरावट देखी जा रही है, जिसकी वजह से परिवर्तनों से हमारा शरीर सामंजस्य नहीं बिठा पाता है। वहीं, वाुय प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है। इन सभी कारणों से जुकाम, बुखार, एलर्जी, गले में खराश और सर्दी जैसी समस्याएं हो रही हैं।


इनसे बचने के लिए सतर्क होने की आवश्यकता है ताकि हमारी सेहत और रोजमर्रा का जीवन प्रभावित न हो। शनिवार को दून के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 16.3 डिग्री सेल्सियस का अंतर देखा गया जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर नहीं कहा जा सकता है।
वर्षा नहीं हाेने से मैदानी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पहाड़ी क्षेत्र टिहरी में भी दिन और रात के तापमान में 12.6 डिग्री सेल्सियस का अंतर रहा है। जबकि वर्षा और अन्य सामान्य दिनों में यह अधिकतम और न्यूनतम तापमान में सात से आठ डिग्री सेल्सियस का अंतर देखा जाता है।
सर्दी से गर्मी और गर्मी से सर्दी में बदलता मौसम लोगों के स्वास्थ्य पर असर डालता है। इसलिए जरूरी है कि इस मौसम में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए।ऐसे मौसम में वायरल बुखार के मामले सबसे अधिक बढ़ते हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं। इस मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गों को एहतियात बरतने की जरूरत है। कभी सर्द तो कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। सबसे पहले बच्चे इनकी चपेट में आते हैं।