मोहल्ला भवानीगंज में माता पिता की लापरवाही से मासूम की जान पर बन आई। बाहर से बंद कमरे में आग की लपटों के बीच भीतर मासूम फंसा रह गया। गनीमत रही कि लोगों ने समय रहते मासूम को कमरे से बाहर निकालकर और उसे अस्पताल पहुंचाया। बच्चा धुएं से थोड़ा बेहोश हो गया था, लेकिन अब उसकी हालत ठीक है।
आग लगने से करीब एक लाख रुपये तक का सामान जलने का अनुमान है। नगर स्थित भवानीगंज में विनोद एक घर में तीसरी मंजिल में अपनी पत्नी व तीन साल के बच्चे मयंक के साथ किराए के कमरे में पर रहता है। युवक किसी मिठाई की दुकान में काम करता है। जबकि उसकी पत्नी घरेलू काम करती है।
वह रोजाना की तरह बच्चे को कमरे में बंद कर अपने काम के लिए चले गए। इस बीच कमरे में शार्ट सर्किट से आग लगने पर धुआं बाहर आने लगा। इस बीच बच्चे के रोने की आवाज भी आने लगी।
उधर से गुजर रहे लोगों ने धुआं आते देखा तो कमरे में पहुंचे। कमरे में धुआं फैला हुआ था। उन्होंने दरवाजे का कुंडा खोलकर बच्चे को बाहर निकाला और सीधे अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद अग्निशमन की टीम मौके पर पहुंचे। लेकिन कमरे की सीढ़ी संकरी होने की वजह से अग्निशमन कर्मियों को वाहन से पानी का पाइप ले जाने में मुश्किल होने लगी। इसके बाद किसी अन्य के घर की सीढ़ी के माध्यम से छत में बल्ली लगाकर कमरे में लगी आग को काबू किया।
आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है।