भले ही बीते कुछ दिनों से सुबह-शाम के साथ दिन के तापमान में गिरावट आई हो, लेकिन पर्वतीय जिलों में बर्फबारी के लिए बारिश का इंतजार करना होगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश से तापमान में तेजी से गिरावट आती है और तापमान शून्य होने के बाद ही बर्फबारी होती है।
दरअसल, अभी तक प्रदेशभर में ऊंचाई वाले इलाकों में सिर्फ एक बार ही बर्फबारी हुई है, जबकि नवंबर की शुरुआत से ही उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाती है। इसका असर मैदानी इलाकों के तापमान पर पड़ता है और सर्द हवाएं सुबह-शाम संग दिन में खूब परेशान करती हैं, लेकिन मानसून की विदाई के बाद बारिश न होने से तापमान बर्फबारी के अनुकूल नहीं हो रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक का कहना है की , बर्फबारी के लिए तापमान का शून्य होना जरूरी है, लेकिन बारिश न होने की वजह से तापमान में ज्यादा गिरावट आ रही है। उधर, आने वाले दिनों की बात करें तो अगले चार दिन तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।