बाढ़ और जलभराव से हुए नुकसान को मद्देनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार ने प्रदेश की प्रमुख नदियों का अध्ययन करने का ब्यौरा लिया है । मुख्यमंत्री धामी ने सिंचाई विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। माना जा रहा है कि नदियों में दशकों से भारी मात्रा में बोल्डर, सिल्ट व बजरी जमा होने की वजह से उसका तल ऊपर उठ गया है।
जिस वजह से नदियों में बाढ़ का पानी आसपास के रिहायशी इलाकों में घुस रहा है। विभाग को अध्ययन के साथ ही नदियों का ड्रैनेज प्लान भी बनाने को कहा गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा करने के बाद कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में नदियों में बाढ़ से जलभराव के उत्पन्न हालात के कारण जानने की आवश्यकता जताई गई। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि नदियों में लंबे समय से जमा खनन सामग्री की समय-समय पर पर्याप्त निकासी न हो पाने और अवैज्ञानिक ढंग से हो रहे अवैध खनन भी जल भराव की वजह हो सकता है। बहरहाल, सीएम ने सिंचाई विभाग को राज्य की प्रमुख नदियों का अध्ययन कराने के निर्देश दे दिए हैं।