इंसानों व मवेशियों की सुरक्षा व हमले में मौत होने पर मुआवजे की मांग

ग्रामीणों के धरना-प्रदर्शन के ऐलान के बाद प्रशासन ने कार्बेट नेशनल पार्क के ढेला पर्यटन जोन के बाहर दो किलोमीटर दायरे में धारा-144 लागू कर दी है। इसी जोन से झिरना जोन का रास्ता भी जाता है। इसलिए यह निषेधाज्ञा दोनों जोन के बाहर प्रभावी रहेगी।


जंगली जानवरों, बंदरों से फसलों के साथ ही इंसानों व मवेशियों की सुरक्षा किए जाने और वन्यजीवों के हमले में मौत होने पर स्वजन को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग को लेकर पार्क के इन दो प्रमुख पर्यटन जोन में पर्यटकों की आवाजाही रोकने की जिद पर ग्रामीण अड़े हैं। इसीलिए यह कदम उठाया गया है।
शनिवार को सीटीआर निदेशक डॉ. धीरज पांडे, उपनिदेशक दिगंथ नायक, पार्क वार्डन अमित ग्वासाकोटी व एसडीएम राहुल शाह समिति के लोगों से वार्ता के लिए ढेला रेंज कार्यालय पहुंचे। एसडीएम की मध्यस्थता में हुई वार्ता में निदेशक ने ग्रामीणों की मांगों पर अपनी बात रखी।
समिति संयोजक ललित उप्रेती ने बताया कि रविवार सुबह पांच बजे से ग्रामीणों के साथ सांवल्दे में धरना देकर ढेला व झिरना पर्यटन जोन में पर्यटकों की आवाजाही रोकी जाएगी। एसडीएम ने बताया कि एहतियात के तौर पर प्रशासन ने ढेला पर्यटन गेट से बाहर दो किलोमीटर रामनगर की ओर तक धारा 144 लागू की है। उन्होंने पुलिस को भेजे पत्र में कहा है कि 31 दिसंबर को वीआइपी व वीवीआइपी के साथ ही पर्यटकों का मूवमेंट रहेगा। धरना-प्रदर्शन से पर्यटकों की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है।