नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों का धरातल पर परिणाम दिखने लगा है। सरकार की ओर से 70 प्रतिशत सब्सिडी देकर घर-घर सोलर की परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है। बेहर सोलर प्रक्रिया के तहत कोई भी घरेलू उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर प्लांट लगा सकता है।
इसके लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से ग्रिड कनेक्टेड रूफटाप सोलर पावर प्लांट योजना शुरू की गई है। योजना के तहत उपभोक्ता को केंद्र सरकार की ओर से 35 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।साथ ही आसान पंजीकरण प्रक्रिया और प्लांट स्थापित करने में त्वरित कार्रवाई से उपभोक्ताओं को लाभान्वित किया जा रहा है। प्लांट सामान्यत: 25 वर्ष तक कार्य करता है। इसमें वेंडर की ओर से भी 10 वर्ष की गारंटी दी जाती है।
इतनी दी जाएगी सब्सिडी
केंद्र सरकार की ओर से एक किलोवाट से 10 किलोवाट तक प्लांट पर प्रति किलोवाट 17662 रुपये सब्सिडी दी जाएगी। जबकि राज्य सरकार की ओर से एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक 17662 रुपये और तीन किलोवाट से अधिक के प्लांट पर प्रति किलोवाट 8831 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। तीन किलोवाट के प्लांट में मिलेगी 4000 मेगावाट बिजली सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए छत में 100 फीट प्रति किलोवाट स्थान चाहिए। तीन किलोवाट के प्लांट से वर्षभर में करीब 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।