छापेमारी दौरान खुल गया खराब अनाज का खेल, एसएमओ और आरओ पर गिर सकती है गाज

गढ़वाल मंडल के आंगनबाड़ी केंद्रों और गरीबों को बांटने के लिए सैकड़ों कुंतल खराब चावल की खरीद करने के बाद गोदाम में भंडारण किया गया। जिसकी गुणवत्ता के पैमाने पर फेल यह चावल मंडल के विभिन्न जिलों में गरीबों को बांटने की तैयारी थी। दो दिनों की छापेमारी में 25 में से 17 लाट यानी करीब 2200 क्विंटल चावल सैंपलिंग में फेल निकले। जिसके बाद इन चावलों को सील कर इनके जिम्मेदार अफसरों के निलंबन की तैयारी है। गुलरघाटी में स्थित खाद्य गोदाम पर प्रशासन की कार्यवाही दूसरे दिन भी जारी रही।


एडीएम प्रशासन जयभारत सिंह प्रशासनिक अमले के साथ खाद्य गोदाम पहुंचे। और चावलों के नमूनों में से 12 लॉट (करीब 2200 क्विंटल चावल) के नमूने फेल हो गए। जांच में सामने आया कि पूरा खेल खाद्य विभाग व राइस मिलों से जुड़ा है। खाद्य विभाग ने राइस मिल से टूटा, पुराना और काला चावल सस्ते दामों पर खरीदा। और काले चावल को पालिश कराकर खरीदा गया। यह चावल गरीबों में बांटा जाना था। जांच में सामने आया है कि मिल से गुणवत्ताविहीन चावल सस्ते दामों पर खरीद करने के बाद उसे जनता में वितरण के लिए भेजा जा रहा था।
डीएम ने एक्शन लेते हुए एआरओ को प्रतिकूल प्रविष्टि, वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक टीम ने गोदाम में फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट के आधार पर खाद्यान्न स्टोर और विपणन के लिए समुचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिए, ताकि गोदाम से गुणवत्ता के साथ खाद्यान्न का विपणन हो सके।
नियमानुसार चावल की राइस मिल से खरीद व गोदाम से जिलों में भेजने के समय अनाज की सैंपलिंग अनिवार्य है। लेकिन न तो खरीद के समय सैंपल लिया जा रहा था, ना ही जिले में भेजते समय।
खाद्य गोदाम पर प्रशासन की कार्यवाही दूसरे दिन पूरी हो गई। जिसके बाद अब एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कितने नमूने फेल हुए? वहां क्या होना चाहिए था और क्या-क्या वहां नहीं मिला। किस स्तर पर लापरवाही बरती गई? एडीएम पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर डीएम को सौंपेंगे। जिसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

डीएम का कहना है,स्कूली बच्चों, महिलाओं और ग्रामीणों की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी।”